सोनभद्र। खनन बन्दी में आंदोलन करने वालो को नोटिस, राज्यमंत्री से मिले पीड़ित
सोनभद्र। सपा सरकार में खनन बंदी के दौरान खनन उद्योग चालू कराने की मांग कर रहे निर्दोष लोगों पर हुए मुकदमे को समाप्त कराने के लिए लोगों ने सूबे के राज्य मंत्री से मिलकर बीते देर शाम को नगर स्थित एक सभागार में बैठक की। 2012 में शांतिपूर्ण तरीके से यह आंदोलन 71 दिन चला था।
इस दौरान प्रदेश सरकार के समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव सिंह गोंड़ ने मुकदमे में फंसे लोगों को आस्वस्त किया कि मैं स्वयं आपके साथ खड़ा हूं शासन स्तर से मुकदमा वापस कराने का प्रयास करूंगा। बताते चलें कि यहां का मुख्य व्यवसाय पत्थर खनन सपा सरकार कार्यकाल 2012 में पूरी तरह बंद हो गया था इसके बाद खनन व्यवसाय से जुड़े तमाम लोग रोजी रोटी के संकट से जूझ रहे थे। आर्थिक संकट में डूबे लोगों द्वारा खनन उद्योग चालू कराने को लेकर डाला स्थित रामलीला मैदान में शांतिपूर्ण तरीके से मांग की जा रही थी। अपनी रोजी-रोटी की मांग कर रहे लोगों समेत जिनका खनन उद्योग से कुछ लेना-देना नहीं था और वहां मौजूद नहीं थे उनके ऊपर भी मुकदमा लाद दिया गया । जो लोग उस दौरान मौजूद नहीं थे उनके द्वारा मुकदमे में दर्ज अपने नाम को हटाने के लिए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगाया गया था । मुकदमा वापस कराने के लिए लोगों ने तमाम प्रयास किया व शासन स्तर से गुहार लगाई जिसमें मौजूदा सरकार में शासन स्तर पर जनहित में मुकदमा वापस ले लिया गया था। एक सप्ताह पूर्व 36 लोगों के नाम जारी हुए वारंट की सूचना मिलते ही लोग हैरान हो गए। मुकदमे का दंश झेल रहे ओमप्रकाश शर्मा,सुभाष पाल, मंगल जायसवाल ने बताया कि ओबरा , डाला,चोपन के 36 लोगों के नाम वारंट जारी हुआ है।जिसमें दो लोगों की मौत हो चुकी है इन्होंने कहा कि पूर्व में राज्यपाल द्वारा मुकदमे के निस्तारण की संस्तुति हुई थी इसके बावजूद भी मुकदमा समाप्त नहीं हुआ इससे लोगों में रोष व्याप्त है। इस दौरान संतोष कुमार, मंटू शर्मा, दीपक राय, अखिलेश पांडेय,विनोद तिवारी, सुधीर सिंह, विजयपाल आदि लोग मौजूद रहे।
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सोनभद्र से रवि पाण्डेय की रिपोर्ट
” Sonbhadra Today MZP News “