वामन द्वादशी पर्व आज ओझला में गंगा किनारे स्थित भगवान वामन देव के दर्शन कीजिए
- दूर-दूर से दर्शन पूजन करने आते हैं श्रद्धालु
- भगवान विष्णु के पांचवें अवतार माने जाते हैं भगवान वामन देव
आज भाद्रपद शुक्ल द्वादशी है, जिसे वामन द्वादशी के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भगवान विष्णु के पांचवें अवतार वामन देव की जयंती के रूप में मनाया जाता है। मिर्जापुर के ओझला में गंगा नदी के किनारे स्थित भगवान वामन देव का मंदिर इस अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन करता है। आज यहां मेला भी लगता है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से भक्तगण पहुंचते हैं। मां गंगा के स्नान के बाद भगवान वामन देव का दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है
वामन देव की कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने दैत्यराज बलि के आतंक को समाप्त करने के लिए वामन देव के रूप में जन्म लिया था। बलि ने देवताओं को पराजित कर दिया था और स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था। वामन देव ने बलि से तीन पग भूमि का दान मांगा और अपने विशाल रूप में धरती और स्वर्ग लोक को नाप लिया। बलि की दानवीरता देखकर भगवान ने उसे पाताल का राजा बना दिया और देवताओं को उनका स्वर्ग लौटा दिया।
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वामन द्वादशी के अवसर पर लोग व्रत-उपवास करते हैं और भगवान वामन की पूजा-अर्चना करते हैं। व्रत की विधि इस प्रकार है:
- सुबह स्नान के बाद गणेश जी, वामन देव, भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा करें।
- व्रत करने का संकल्प लें।
- पूजा के बाद धन, अनाज, खाना, चावल, दही, वस्त्र जूते-चप्पल का दान करें।
में- शाम को व्रत करने वाले व्यक्ति को फिर से स्नान करके भगवान वामन का पूजन करना चाहिए। - पूजा में वामन अवतार की कथा पढ़नी-सुननी चाहिए।
- जरूरतमंद लोगों को भोजन खिलाएं और खुद फलाहार करें।
- अगले दिन सुबह फिर भगवान विष्णु और वामन देव की पूजा करें, दान-पुण्य करें। इसके बाद खाना खाएं।
इस मेले में पहली बार यहां के आयोजकों द्वारा लेजर लाइट शो का आयोजन किया गया है लोगों से अपील की गई है कि अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर भगवान के दर्शन करने के साथ ही लेजर लाइट शो का आनंद उठाएं
ओम शंकर गिरी (पप्पू) की रिपोर्ट
” Today MZP News “