विन्ध्याचल के राम गया घाट पर पिंड दान हेतु लाखों श्रद्धालु पहुंचे
- सर का मुंडन करवा गंगा स्नान कर कर अपने पित्तरों का कर रहे हैं तर्पण
मीरजापुर के विन्ध्याचल स्थित शिवपुर के राम गया घाट पर पितृ विसर्जन के दिन आज लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपने पूर्वजों का पिंडदान करने पहुंचे। यह स्थान वेदों और पुराणों में वर्णित है और भगवान राम ने यहां अपने पिता राजा दशरथ का पिंडदान किया था।
मुख्य बिंदु:
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- भगवान राम के बायें पैरों के निशान यहां अभी भी स्थित हैं।
- पिंडदान करने का फल विष्णुपद गया में मिलता है, वही फल राम गया घाट पर मिलता है।
- श्रद्धालु विन्ध्य पर्वत से निकलने वाली गंगा की अमृत धारा से स्नान कर पितरों का पिंडदान करते हैं।
- पितृ पक्ष में लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और वैदिक परम्परा के अनुसार पिंडदान करते हैं।
पिंडदान की महत्ता:
- पिंडदान करने से पितर प्रसन्न होते हैं और पितरों के प्रसन्न होने से सभी देवता खुश होते हैं।
- पिंडदान करने वाले को सात पीढ़ी को आशीर्वाद मिलता है।
- श्राद्ध पर श्रद्धा से दिए गए जल तिल से पितर तृप्त होकर आशीर्वाद देते हैं।
- पुराणों में कहा गया है कि पिता धर्म, पिता कर्म पिता ही परंमम् तप: – पितरी प्रीति मापन्नै प्रियन्ते सर्व देवता।
- राम गया घाट पर पिंडदान करने की विधि विशेष रूप से निर्धारित है।
- श्रद्धालु अपने पूर्वजों के नाम पर पिंडदान करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।
- यहां पिंडदान करने से श्रद्धालुओं को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।
इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने अपने पूर्वजों को याद किया और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
ओम शंकर गिरी (पप्पू) की रिपोर्ट
” Today MZP News “