रामलीला के पांचवें दिन राम बन गमन और राम केवट संवाद
भगवान राम का गंगा पार: गुह राज निषाद की सहायता से रामलीला के पांचवें दिन राम बन गमन और राम केवट संवाद पर भावभीनी प्रस्तुति की गई
रामलीला कमेटी कोल्हुआ के तत्वाधान में चल रहे रामलीला के पांचवें दिन राम बन गमन और राम केवट संवाद को देखकर लोगों की आंखें हुई नम सैकड़ो की संख्या में उपस्थित हुए दर्शकों ने सिद्धेश्वर महादेव मंदिर कोल्हुआ में रामलीला मंचन का उठाया आनंद
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अयोध्या से निर्वासित होकर भगवान राम ने गंगा नदी पार की और चित्र कूट मे रहने का फैसला किया। इस यात्रा में गुह राज निषाद ने उनकी सहायता की।
सुमंत की अयोध्या यात्रा:
वहीं, सुमंत अयोध्या पहुंचे और महाराज दशरथ को भगवान राम के निर्वासित होने की सूचना दी। उन्होंने बताया कि भगवान राम ने राजपद त्याग दिया है और बन जाने का फैसला किया है।
महाराज दशरथ की व्याकुलता:
महाराज दशरथ को भगवान राम की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। उन्होंने अपने पुत्र के निर्वासित होने के लिए खुद को दोषी माना। और अपने प्राण को त्याग दिया
इस अवसर पर रामलीला कमेटी कोल्हुआ के तमाम पदाधिकारी दर्शक भारी संख्या में मौजूद रहे जिसमें प्रमुख रूप से रामलीला कमेटी के महाप्रबंधक राजेश्वर प्रसाद चौबे अध्यक्ष उमेश कुमार दुबे कोषाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार यादव पूर्व प्रधान संयोजक शिवम दुबे सहित तमाम पदाधिकारी जिसमें प्रमुख रूप से रामलाल साहनी चंद्रबली साहनी विजय शंकर यादव मूलचंद यादव सहित काफी लोग उपस्थित रहे और रामलीला मंचन का आनंद उठाया
गुह राज निषाद की भक्ति:
गुह राज निषाद भगवान राम का भक्त था और उसने उनकी सहायता करने में गर्व महसूस किया। भगवान राम ने गुह राज को आशीर्वाद दिया और कहा कि वह हमेशा उनका ऋणी रहेगा।
नंदीग्राम में भगवान भरत
भगवान भरत ने नंदीग्राम में रहने का फैसला किया, जहां वह 14 वर्षों तक रहेंगे। इस दौरान उन्होंने वनवास की कई चुनौतियों का सामना किया और अपने कर्तव्य का पालन किया।
भगवान राम की मर्यादा:
भगवान राम की मर्यादा पुरुषोत्तम की छवि इस घटना में भी दिखाई देती है, जहां उन्होंने अपने पिता के आदेश का पालन किया और अपने कर्तव्य का निर्वाह किया।
सुशील कुमार उपाध्याय की रिर्पोट
” Today MZP News “