तीसरी आंख : हादसे के बाबा को मसीहा क्यों बनाया जा रहा?
★कतिपय दागदार चैनलों द्वारा हाथरस हादसे के बाबा का महिमा मंडन शुरू
★मीडिया को इंटरव्यू दे सकता है बाबा तो बजरिए वकील कुछ कहने की क्या जरूरत ?
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★’बाबा का कथन कि कोई दोषी बख्शा नहीं जाएगा’ से लगता यही है कि वह कोई मंत्री या गजटेड ऑफिसर है।
★इस टाइप का स्टेटमेंट तो संवैधानिक पदों पर बैठे लोग ही दे सकते हैं।
★123 जिंदगी की आहुति के चौथे दिन तक प्रशासन से सम्पर्क न करने वाला बाबा बोल रहा कि वह पीड़ितों की जीवन भर मदद करेगा।
★बाबा का कहना कि हादसे से दुःखी है। यानी कितना रहमदिल इंसान साबित किया जा रहा है।
★यदि ऐसा करना ही था तो उसी दिन से मृतकों के घर पहले बाबा को पहुंचना चाहिए था।
★डेड-बॉडी ट्रकों पर लाने के लिए मजबूर व्यवस्था के साथ हाथ बंटाना चाहिए था।
★कतिपय चैनलों से सांठगांठ का मामला लोगों को लग रहा है।
★उसे मानवता का पुजारी बनाने की प्लानिंग किन्हीं न किन्हीं कारणों से की जाने लगी है।
★बाबा को पुलिस यदि ढूढ़ रही तो निर्द्वन्द्व भाव से मीडिया से बात कैसे हो रही है?
★फ़िल्मी कथा का स्क्रिप्ट तो नहीं तैयार किया गया है?
★इंटरव्यू लेने वाले चैनल से पूछताछ जरूरी है।
★कहीं कूटरचित इंटरव्यू तो नहीं प्रसारित हो रहा ?
★इतना महिमामंडन होगा तो प्रशासन अर्दब में आ सकता है।
● सलिल पांडेय, मिर्जापुर ।