सोनभद्र। सावनी काव्य गोष्ठी की बही रसधारा “डॉक्टर रचना तिवारी”
सोनभद्र। गीत कस्तूरी साहित्यिक संस्थान सोनभद्र द्वारा श्रावणी काव्य गोष्ठी आयोजन तेज नगर स्थित गीत गंगा भवन में किया गया ।संस्था की अध्यक्ष डॉक्टर रचना तिवारी ने मां वाणी की वंदना के साथ सम्मानित उद्बोधन से गोष्ठी प्रारम्भ की।
- सावन के महीने में होने वाली यह गोष्ठी पूर्णतया सावनी गीतों और कजरी तथा लोकभाषा में डूबी रही ,।
गज़लों ,गीत,हास्य,व्यंग,से सजी इस काव्य संध्या में एक से बढ़कर एक कविताएं पढ़ीं गईं । डॉ रचना तिवारी ने चांद घूंघट उठता रहा रातभर ,चांदनी मुह छुपाती रही रातभर पढ़कर सावन सावन कर दिया ।
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गोष्ठी का सफल संचालन कर रहे सुविख्यात विजय विनीत ने यह राम राज्य है यह राम राज्य है ,यहाँ हर गरीब की दबी हुई आवाज़ है पढ़ा।शायर अब्दुल हई ने फासले इतने हो गए यारों ,सारे रिश्ते ही खो गए यारों पढ़कर झकझोर दिया।
अधिवक्ता अशोक तिवारी ने खौफ है नहीं कोई धूप में नहाने से ,हमने ज़िंदगी पाई मौत के बहाने से पढ़ा।शिक्षक कवि अरुण तिवारी ने
सोन साहित्य संगम के संस्थापक राकेश शरण मिश्र ने पढ़ा
व्यंगकार मेघ विजयगढ़ी ने जिगर के ख्वाब कुछ तो अधूरे रह गए होंगे,सिसकते ही सही पर कुछ तो कहकर के गए होंगे पढ़ा। मंच की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं कविता के सुमेरु रहे आदरणीय अजयशेखर जी ने की और मुख्य अतिथि चंद्रकांत शर्मा जी तथा विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक तीरथ राज जी रहे ।
पढ़ी ।गोष्ठी में अमरनाथ सिंह,अरुण सिंह,पूर्व विधायक तीरथ राज जी ,बद्री नरायन मिश्रा, श्यामा प्रसाद पांडेय, संतोष पांडेय,ललिता ,दिलीप शुक्ला ,दिनेश तिवारी आदि लोग उपस्थित थे
सोनभद्र से रवि पाण्डेय की रिपोर्ट
” Sonbhadra Today MZP News “