छोटी दिवाली: रोशनी के पर्व की पूर्व संध्या
छोटी दिवाली, जिसे नरका चतुर्दशी या रूप चतुर्दशी भी कहा जाता है, दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। यह त्योहार हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है और इसका उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाना है।
महत्व:
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- नर्क निवारण: छोटी दिवाली को नर्का चतुर्दशी भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है नर्क से मुक्ति। इस दिन लोग स्नान करते हैं और पूजा करते हैं ताकि वे नर्क की यातनाओं से बच सकें।
- रूप सुधार: रूप चतुर्दशी के रूप में भी जाना जाता है, यह दिन सौंदर्य और स्वच्छता का प्रतीक है। लोग इस दिन स्नान करते हैं और अपने घरों को साफ करते हैं।
- दिवाली की तैयारी: छोटी दिवाली दिवाली से पहले की आखिरी तैयारी है। लोग अपने घरों को सजाते हैं, दीये जलाते हैं, और अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर जश्न मनाते हैं।
पूजा विधि:
- स्नान: सूर्योदय से पहले स्नान करें।
- पूजा: भगवान कृष्ण, भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा करें।
- दीये जलाएं: अपने घर के बाहर और अंदर दीये जलाएं।
- भोजन: पारंपरिक व्यंजन बनाएं और परिवार के साथ बांटें।
निष्कर्ष:
छोटी दिवाली दिवाली की पूर्व संध्या है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह त्योहार स्वच्छता, सौंदर्य, और नर्क से मुक्ति का प्रतीक है। लोग इस दिन स्नान करते हैं, पूजा करते हैं, और अपने घरों को सजाते हैं। यह दिवाली की तैयारी का आखिरी दिन है, जो जश्न और उल्लास का पर्व है।

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सुशील कुमार उपाध्याय की रिर्पोट
” Today MZP News “
