मिर्जापुर में फर्जी दस्तावेज के जरिए जमीन हड़पने के मामले में महिला के गिरफ्तारी को कोर्ट ने माना वैध
मिर्जापुर कोर्ट ने विजय लक्ष्मी के मामले में फैसला सुनाया गया है। न्यायालय ने अभियुक्ता की गिरफ्तारी को वैध ठहराया है, क्योंकि कार्यालय बी विवेचक ने धारा-35 बी.एन.एस.एस. और अरनेश कुमार बनाम बिहार राज्य के तहत दिए गए प्राविधानों का पालन किया है। इसके अलावा, आर्टिकल 22(1) के तहत अभियुक्ता और उसके परिवारजनों को सूचना देने का प्राविधान भी पूरा किया गया है ¹।
न्यायालय ने अभियुक्ता के अधिवक्ता के तर्क को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि गिरफ्तारी के समय अभियुक्ता को गिरफ्तारी का आधार लिखित में नहीं दिया गया था। न्यायालय ने कहा है कि अभियुक्ता की गिरफ्तारी के समय उसके पति को सूचना दी गई थी, जिससे अभियुक्ता के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं हुआ है ²।
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इस मामले में अभियुक्ता विजय लक्ष्मी को धारा-318(4), 336(3), 340(2), 351(2), 338, 352 बी एन.एस. के तहत आरोपित किया गया है। न्यायालय ने अभियुक्ता द्वारा प्रस्तुत आपत्ति प्रार्थना पत्र को निरस्त करते हुए विवेचक द्वारा प्रस्तुत रिमाण्ड प्रार्थना पत्र को स्वीकृत किया है। मामला ग्राम निवान नुआंव का है यह जानकारी सूचना कर्ता सेवा शंकर पांडेय नुआंव ने दी है

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सुशील कुमार उपाध्याय की रिर्पोट
” Today MZP News “