काशी में बदला गंगा आरती का स्थल: आठ घाटों का संपर्क टूटा, मणिकर्णिका घाट की सीढ़ियों तक पहुंची गंगा
गंगा के जलस्तर में लगातार दूसरे दिन भी बढ़ाव जारी रहा। सोमवार को गंगा में बढ़ाव की रफ्तार आधी हुई लेकिन जलस्तर में बढ़ाव से घाट किनारे की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
जलस्तर बढ़ने के कारण देर शाम आठ घाटों का आपसी संपर्क टूट गया। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर 61.79 मीटर दर्ज किया गया।
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सोमवार को गंगा के जलस्तर में 50 मिलीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ाव हो रहा था। पानी के बढ़ाव के साथ बहाव तेज होने से नाविकों ने भी घाट के किनारे अपनी नावों को बांधना शुरू कर दिया।
पानी के बहाव के साथ घाट किनारे जगह-जगह जलकुंभी का ढेर लगा हुआ है। रत्नेश्वर महादेव मंदिर पूरी तरह से पानी में डूब गया है। अब पानी छत को छूने लगा है। देर शाम को प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती का स्थल भी बदलना पड़ा।
वाराही घाट पर गंगा का पानी चढ़ने के कारण दशाश्वमेध घाट से ललिता घाट की ओर जाने वाले आठ घाटों का आपसी संपर्क टूट गया। लोगों को पानी में से होकर गुजरना पड़ रहा था।
एहतियातन पुलिस ने घाट की बजाय गलियों से जाने का निर्देश दिया। विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार से लगायत ललिता घाट के रैंप और मणिकर्णिका घाट के रैंप पर भी पानी चढ़ने लगा है।
राजघाट पर भी कई सीढ़ियां पानी में डूब गईं और हरिश्चंद्र घाट पर पानी निचले भाग की मिट्टी को डुबोते हुए पक्के शवदाह स्थल तक पहुंच चुका है। नमोघाट के रैंप पर भी पानी पहुंच गया है।
गंगा में बढ़ाव के कारण वरुणा में भी हलचल बढ़ गई है। वरुणा के जलस्तर से शास्त्री घाट की भी कई सीढ़ियां पानी में समा चुकी हैं।
वाराणसी से आशुतोष उपाध्याय की रिपोर्ट