मिर्जापुर में छठ पर्व की भव्य धूम, गंगा घाटों पर उमड़े भक्त
डाला छठ पर्व पर डूबते सूर्य को अर्घ देने के लिए मिर्ज़ापुर नगर के गंगा किनारे बने घाटों पर श्रद्धालुओं का उमड़ा जन सैलाब। तीन दिवसी इस व्रत को बहुत ही कठिन व्रत माना जाता है ऐसी मान्यता है कि जिन महिलाओं के पुत्र ना होते हो अगर वह इस व्रत का पालन करती हैं तो उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है
महापर्व छठ पूजा जो कभी बिहार तक ही सीमित थी आज पूरे देश में इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है मिर्ज़ापुर नगर के विभिन्न घाटों पर आज डूबते सूर्य को अर्घ देने के लिए श्रद्धालुओं का भारी जन सैलाब उम्र पड़ा था छठ पर्व का आरंभ नहाय खाय के साथ होता है। इस दिन व्रती महिलाएंभोर में उठकर स्नान आदि कर नए वस्त्र पहल सूर्य देव को जल अर्पित करती हैं। इसके बाद सात्विक आहार ग्रहण कर अपने व्रत को शुरू करती हैं। नहाय खाय के दिन कद्दू की सब्जी, लौकी चने की दाल और भात यानी चावल खाया जाता है। नहाया खाय का भोजन बिना लहसुन और प्याज के सात्विक तरीके से तैयार किया जाता है। व्रती के खाने के बाद ही परिवार के अन्य लोग नहाय खाय का खाना खा सकते हैं ।
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व्रत के दूसरे दिन करना होता है जिसमें गुड़ की खीर और रोटी बनाई जाती है आज तीसरे दिन डूबते सूर्य को अरग देने के लिए घर के पुरुष सर पर डाला रखकर बैंड बाजे के साथ नदी किनारे पहुंचते हैं और महिलाएं जहां जल के जल में खड़ी होती हैं तो वहीं पुरुष अर्घ देते हैं
- कल उगते सूर्य को अर्घ देने के साथ ही व्रत का समापन हो जाएगा
- टुडे मिर्ज़ापुर न्यूज़ टीम की तरफ से सभी को डाला छठ पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
ओम शंकर गिरी (पप्पू) की रिपोर्ट
” Today MZP News “

