09 अगस्त धर्म विशेष : नाग पंचमी पर कैसे करें पूजन, क्या करें और क्या न करे
- नाग पंचमी का पर्व धार्मिक आस्था का प्रतीक है, इस दिन नाग की पूजा का विशेष महत्व है।
- नाग पूजन के लिए सेंवई-चावल आदि ताजा भोजन बनाएं।
कुछ भागों में नागपंचमी से एक दिन पहले ही भोजन बना कर रख लिया जाता है और नागपंचमी के दिन बासी (ठंडा) खाना खाया जाता है।
इस खास मौके पर पूजा के शुभ मुहूर्त में नागदेवा और भगवान शिव की पूजा के साथ अपनाए यह विशेष उपाय आपके जीवन के हर कष्ट दूर हो जायेगे
- Advertisement -
- सबसे पहले सुबह उठकर स्नान ध्यान करके साफ सुथरे कपड़े पहन तैयार हो जाए
- इसके बाद दीवार पर गेरू पोतकर पूजन का स्थान बनाया जाता है।
- फिर कच्चे दूध में कोयला घिसकर उससे गेरू पुती दीवार पर घर जैसा बनाते हैं और उसमें अनेक नागदेवों की आकृति बनाते हैं।
नागदेव के पूजन से लाभ :-
देश के अलग-अलग प्रांतों में नागदेव की अलग-अलग तरह से पूजन संपन्न की जाती है। नागदेव के पूजन करने व इनके मंत्रों के जाप करने से कभी-कभी घर में सर्प प्रवेश नहीं करता है।
नागदेव के मंत्र :-
के जाप से नागदेव प्रसन्न होते हैं और काटने से मृत्यु नहीं होती है। यदि मृत्यु हो भी जाए तो उसे मुक्ति मिलती है।
- पश्चात आरती करके कथा का श्रवण किया जाना चाहिए।
इस विशेष दिन भगवान भोलेनाथ और नाग देवता की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस पावन मौके पर नाग देवता की विधिविधान से पूजा-अर्चना करने पर जीवन के समस्त दुखों से छुटकारा मिलता है
नागपंचमी कालसर्प दोष के उपाय
नागपंचमी के दिन घर के मुख्य दरवाजे पर गोबर,गेरू या मिट्टी से सर्प की आकृति बनाएं। इसकी विधिवत पूजा करें। इससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और कालसर्प दोष से होने वाली परेशानियां दूर होंगी।
तथा जो काल सर्प योग हो उसको पहले जान लेना जरूरी है कि मेरा काल सर्प योग कौन सा है फिर उस नाम से ही संकल्प करना चाहिए विशेष काल सर्प की पूजा कहीं भी किसी भी शहर में आप कर सकते हैं
ऐसा नहीं है कि उज्जैन या किसी ज्योतिर्लिंग पर ही करना चाहिए पर ऐ आप अपने घर पर भी विधिपूर्वक कर सकते हैं इसमें फल बस पूजन से ही मिलता है ना कि विषेश स्थान पर करने पर ही मिलता है
नागपंचमी के राहु और केतु के मंत्रों का जाप करना लाभकारी माना गया है। इस दिन राहु मंत्र-
नागपंचमी के दिन भैरव बाबा की पूजा करना भी शुभ होता है। इस दिन भैरव बाबा को पूजा के दौरान कच्चा दूध चढ़ाएं।
नागपंचमी के दिन श्रीमद् भागवत पुराण और श्री हरिवंश का पाठ करवाएं। इससे जीवन के सभी दुख-कष्टों से छुटकारा मिलेगा।
नागों को दूध पिलाने को नहीं बल्कि दूध से स्नान कराने को कहा गया है। इस दिन नवनाग की पूजा की जाती है।
किंवदन्ति है कि इस स्थान पर तक्षक गरूड़ जी के भय से बालक रूप में काशी संस्कृत की शिक्षा लेने हेतु आये, परन्तु गूरू पत्नी के सखियों से तक्षक रुपी बालक के बारे में बतलाने के कारण गरूड़ जी को इसकी जानकारी हो गयी,और उन्होंने तक्षक पर हमला कर दिया, परन्तु अपने गुरू जी के प्रभाव से गरूड़ जी ने तक्षक नाग को अभय दान कर दिया,
उसी समय से यहाँ नाग पंचमी के दिन से यहाँ नाग पूजा की जाती है,यह मान्यता है, कि जो भी नाग पंचमी के दिन यहाँ पूजा अर्चना कर नाग कुआँ का दर्शन करता है, उसकी जन्मकुन्डली के सर्प दोष का निवारण हो जाता है।
.
ज्योतिषाचार्य पंडित दिलीप देव द्विवेदी जी महाराज
विन्ध्य ज्योतिष केन्द्र
सम्पर्क सूत्र 82997 96472