मछलीशहर, जौनपुर। एसडीएम के अमर्यादित व्यवहार से मछलीशहर के अधिवक्ता आक्रोशित
- उपजिलाधिकारी के साथ तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर अधिवक्ता संघ की वार्ता के दौरान हुई कहासुनी
- एस डीएम ने मौके पर बुलवायी फोर्स
मछलीशहर, जौनपुर। उपजिलाधिकारी श्रीकेश राय और अधिवक्ताओं के बीच 14 बिंदुओं पर पूर्व निर्धारित वार्ता के क्रम में मंगलवार को तहसील सभागार में बार बेंच की बैठक बुलाई गई थी।
आरोप है कि एसडीएम श्रीकेश राय ने अधिवक्ता संघ के पूर्व महामंत्री अवनीन्द्र दुबे को आक्रोशित होकर कड़े शब्दों में बैठने के लिए कह दिया जो खड़े होकर अपनी समस्या बता रहे थे। उन्होंने डांटते हुए अधिवक्ता को कहा कि बैठ जा। यह बात अधिवक्ताओं को काफी नागवार लगी। इसी बात पर अधिवक्ताओं और उप जिलाधिकारी के बीच कहासुनी हो गई।
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अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि एसडीएम अधिवक्ता संघ के पूर्व महामंत्री संजीव चौधरी को भी अपने चेंबर में पुलिस बुलाकर अरेस्ट करवाने की धमकी दे चुके हैं।
आक्रोशित अधिवक्ताओं ने एसडीएम और तहसील प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद एसडीएम अपने चेंबर में पहुंचकर फोर्स बुला लिये जिससे अधिवक्ता और भड़क गए।
कुछ ही देर बाद एसडीएम अपनी गाड़ी में बैठकर तहसील से चले गए। अधिवक्ता संघ की कैबिनेट ने बताया कि आज कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर उपजिलाधिकारी के साथ वार्ता रखी गयी थी जिसमें सबसे बड़ा मुद्दा था गरीबों किसानों के आवेदन पत्रों पर कोई स्पीकिंग ऑर्डर का नहीं लिखा जाना।
कहा कि सब कुछ लेखपाल और पुलिस के ऊपर छोड़ दिया जाता है। हर आवेदन पर सिर्फ एक बात लिखी जाती है। जांच कर आवश्यक कार्यवाही करें जिसके चलते गरीब जनता और वादकारी परेशान है।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय सिंह और महामंत्री वेद श्रीवास्तव ने कहा की बहस सुन लिए जाने के बाद भी महीनों तक पत्रावलियों में कोई आदेश जारी नहीं होता, अन्यथा आदेशों का अमलदरामद समय से होता है।
बीमार अधिवक्ताओं के मुकदमों में तारीख नहीं दी जाती और यह भी बार—बेंच के बीच टकराव का एक कारण है। इसी प्रकार धारा 34 की पत्रावलियों में लेखपाल द्वारा रिपोर्ट नहीं दिया जाना और अविवादित वरासतों में लेखपालों द्वारा निस्तारण न किया जाना और तहसीलदार द्वारा पत्रावलियों में आर्डर शीट नहीं लिखा जाना आदि ऐसे महत्वपूर्ण बिंदु थे जिस पर वार्ता होनी थी।
इस मौके पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय सिंह, महामंत्री वेद प्रकाश श्रीवास्तव, अनुराग श्रीवास्तव, ललित मोहन तिवारी, राजेश पटेल, मुकेश यादव, संतोष सरोज, हरनायक तिवारी, योगेंद्र नाथ, बृजेश, आशीष चौबे, पवन गुप्ता, शैलेश यादव, संजय यादव, नंद कुमार सिंह, संदीप गुप्ता, जय प्रकाश चौधरी, शैलेंद्र मौर्य, अनिल मौर्य, महेंद्र मौर्य, सुरेश मौर्य, वीरेंद्र मौर्य, बालमुकुंद विश्वकर्मा, रतन लाल गुप्ता, सुरेश यादव, नंद लाल, राजेंद्र प्रजापति, हरिश्चंद्र यादव, राहुल तिवारी, अरुण श्रीवास्तव, अतुल श्रीवास्तव, सुनील यादव, अमित सिंह, नंद लाल यादव, अजय यादव, अजय सिंह, संतोष यादव, उदय प्रताप यादव, रमाशंकर पटेल, रामसिंह पटेल, सुशील श्रीवास्तव, अनिल सरोज, इश्तियाक अहमद, अवधेश पटेल, शालिग्राम पटेल, राम प्रताप सिंह, अशोक मिश्रा, शिव प्रसाद मौर्य, राजेंद्र यादव, राजकुमार पटवा, अमर बहादुर यादव, विवेक यादव, पूर्व अध्यक्ष दिनेश चंद्र सिन्हा, यज्ञ नारायण सिंह, अशोक श्रीवास्तव, श्याम सुंदर यादव, केदारनाथ यादव, भारत सिंह, जय प्रकाश दुबे, रामसिंह यादव, विनय प्रिय पांडेय, इंदु प्रकाश सिंह, राम आसरे द्विवेदी, भरत लाल यादव, रघुनाथ प्रसाद, आलोक विश्वकर्मा, बाबूराम, विपिन मौर्य, अच्छे लाल विश्वकर्मा, लालजी यादव, दयाराम पाल सहित तमाम अधिवक्ता उपस्थित रहे।
जौनपुर से अर्जुन यादव की रिपोर्ट