मथुरा : वर्ष में सिर्फ एक बार इस स्वर्ण और रजित झूले में झूलते है ठाकुर जी
- भाग्यशाली लोगों को मिलता है इस झूले में प्रभु को झूलते हुए देखने का दर्शन
- आज सावन मास की प्रतिपदा दिन के दिन ठाकुर जी के झूलनोत्सव का दर्शन भक्तों के लिए
मथुरा में सावन महीना शुरू होते ही मंदिरों में भगवान को सोने चांदी के हिंडोले में विराजमान कर झुलाने का उत्सव शुरू हो गया है । जहां आज स्वर्ण एवं रजत हिंडोले में विराजमान होकर राजाधिराज ठाकुर द्वारकाधीश ने अपने भक्तों को दर्शन दिए
पुष्टिमार्गीय संप्रदाय के मंदिर ठाकुर द्वारकाधीश में सावन के उत्सव के सभी कार्यक्रमों को शुरुआत आज से हो गई है और इन सभी कार्यक्रमों का निर्धारण मंदिर के गोस्वामी श्री श्री 108 डॉक्टर वागीश कुमार महाराज कांकरोली नरेश तृतीय पीठाधीश्वर के आदेश अनुसार किया जाता है
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और उसका सफल निर्देशन मंदिर के गोस्वामी श्री 108 वेदांत कुमार महाराज व सिद्धांत कुमार महाराज के सफल निर्देशन में होता है और उसी के तहत आज सावन मास की प्रतिपदा के दिन ठाकुर द्वाराकाधीश जी महाराज के भोग संध्या आरती में सोने चांदी के झूले में झुलाने का उत्सव मनाया गया है ।
- जिसमें स्वर्ण हिंडोला है और दोनों तरफ रजत हिंडोले हैं ।
वर्ष में सिर्फ एक बार श्रावण मास में निकलने वाले इस हिंडोले में विराजमान होकर द्वारकाधीश भगवान अपने भक्तों को दर्शन देते हैं और इसी दौरान विभिन्न घटाओं के आयोजन भी होते हैं ।
वहीं आज इस अलौकिक दर्शन के लिए बड़ी दूर दूर से भक्त द्वारकाधीश मंदिर आते है और झूले में विराजमान भुगवान के दर्शन करने के साथ ही श्रद्धा के साथ भगवान की भक्ति में सराबोर होकर नाचते गाते हुए प्रभु की मनोहारी छवि को निहारते रहते है ।
Rajan Gupta
Editor in chief
“Today MZP News“