मिर्जापुर के लाल ने अमेरिका में किया कमाल
मिर्जापुर : जिले के युवा वैज्ञानिक डॉ मयंक सिंह को अमेरिका के डेंड्रीमर अनुसंधान केंद्र का निदेशक बनाया गया। जो भारतीय मूल के पहले निदेशक है । संयुक्त राज्य अमेरिका के मिशिगन में निदेशक के पदभार को ग्रहण किया। इसकी आधिकारिक घोषणा सीईओ डॉ डोनाल्ड टॉमालिया ने की। COVID-19 महामारी के समय डॉ मयंक सिंह ने अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिक के तौर पर काम शुरू किया था। इसके पहले डॉ. डोनाल्ड टॉमालिया सीईओ और निदेशक दोनों पद पर सेवाएं दे रहे थे।
जनपद के चुनार तहसील क्षेत्र के नरायनपुर विकास खण्ड के बगही गांव निवासी साइंटिस्ट डॉ. मयंक ने COVID-19 महामारी के दौरान इसी संस्थान से अपने वैज्ञानिक यात्रा आरम्भ किया था। अपने मेहनत, उत्कृष्ट वैज्ञानिक दृष्टिकोण, अनुसंधान और समर्पण के बल पर वैज्ञानिक से वरिष्ठ वैज्ञानिक और फिर प्रधान वैज्ञानिक की भूमिका में हैं।
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उन्होंने डेंड्रीमर एवं नैनो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
भारतीय समयानुसार मंगलवार 15 अप्रैल की देर शाम सात बजे केंद्र के सीईओ डॉ. डोनाल्ड टॉमालिया ने नियुक्ति की आधिकारिक घोषणा की। औपचारिक रूप से डॉ मयंक सिंह ने पदभार ग्रहण किया ।
मिशिगन राज्य के माउंट प्लीज़ेंट स्थित नैनोसिन्थॉन्स परिसर में संचालित नेशनल डेंड्रिमर एंड नैनोटेक्नोलॉजी सेंटर द्वारा जारी आधिकारिक कार्यालय ज्ञापन और उनकी आपसी गोपनीयता समझौतों के तहत सीईओ की मौजूदगी में संपन्न हुई है । यह संस्थान डेंड्रीमर विज्ञान एवं नैनो-सक्षम समाधानों के क्षेत्र में अपनी अग्रणी अनुसंधान एवं अनुप्रयोग आधारित उपलब्धियों के लिए वैश्विक स्तर पर विख्यात है।
Rajan Gupta
Editor in chief
“Today MZP News“