चिटफंड कंपनियों द्वारा भुगतान न कराए जाने के विरोध में ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
- ज्यादा फायदे का लालच दिखाकर जनता का करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गई हैं चितफट की कंपनियां
डीएम कार्यालय पहुंचे ग्रामीणों ने ज्ञापन सोपा है जिसमें उन्होंने बताया है की संसद ने सर्वसम्मति से वर्ष 2019 में अनियमित जमा योजनायें। पाबंदी कानून 2019 9 (वैनिंग और अनरेग्युलेट डिपाजिट स्कीम्स एक्ट 2019) बनाकर तग कम्पनीज एवं ठग सोसाइटीज में डूबी हुई जमा राशि को पीड़ित आवेदक को 180 दिन में जमाराशि के दो से तीन गुणा वापस दिलाने का कानूनी अधिकार दिया था.
अनियमित जमा योजनाएं पाबन्दी अधिनियम 2019 के अंतर्गत देश के प्रत्येक जिले में में पीड़ित आवेदकों से आवेदन लेने और उनका भुगतान करने हेतु भुगतान पटल की स्थापना कागजों में कानून में हुई थी, अनियमित जमा और नियमित जमा योजनाओं में जनता को धामाधन की वापसी हेतु संख्द और सरकार ने देशभर में विशेष न्यायालय सक्षम अधिकारी सहायक सक्षम अधिकारी और अन्य नौहत एजेंसीज का चयन एवं नियुद्धित की थी और कानून बनाकर जनता को यह विश्वास दिलाया था कि सरकार उनका डूबा हुआ ठगा गया धन वापस करेंगी और दोषी संचालकों को दण्डित करेगी,
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समयबद्ध कानून के लागू होने के 5 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी संघ या राज्यों ने Buds Act 2019 के अंतर्गत पीड़ितों से न आवेदन आमंत्रित किए न आवेदन लेने के बाद उनका धन विधिसम्मत रूप से वापस किया जो करोड़ों नागरिकों के साथ अन्याय है और इसका प्रतिकार करना हमारा धर्म है अधिकार है.
पाच वर्ष बीत गए परंतु अभी तक इसमें सुनवाई ही आरम्भ नहीं हुई है. लाखों आवेदनों पर आजतक नोटिस तक जारी नहीं किये गए है. अनेक राज्यों जिलों एवं तहसीलों में अभी तक भुगतान पटकों को स्थापना तक नहीं हुई है और बेईमान सिस्टम एक व्यापक अधिनियम की अवहेलना करते हुए गैरकानूनी रूप से महारा सीआरसी सेबी पर्सा जैसे पोर्टत खोलने का झाँसा देकर Buds Act 2019 को ग्राम करने की साजिश रच रहा है. भुगतान न होने के कारण निवेशक और कष्टि एजेंट साथियों में अपसी तनाव बना हुआ है, गुस्साये निवेशक निर्दोष एजेंट्स की गोली मारकर हत्या तक कर रहे हैं जिससे करोड़ों एजेंट्स और निवेशकों के मध्य ग्रहयुद्ध जैसा छिड़ गया है जो निश्चित रूप से शासन प्रशासन की लापरवाही और विधि एवं संसद का अपमान है. यदि शासन प्रशासन ने कानून पर विधि पूर्वक कार्य आरंभ किया होता तो अबतक सभी पीड़ितों का भुगतान हो गया होता और लाखों निवेशक प्रताड़ित एजेंट्स मौत के मुंह में जाने और पलायन एवं उत्पीड़न से बचाये जा सकते थे.
आम चुनाव 2024 के दौरान स्वयम् प्रधानमंत्री जी ने अनेक जनसभाओं में ठगी पीड़ितों का धन वापस करने का वचन देगा को दिया था जिसे अब भुला दिया गया है। हमारे जित्ला तहसील नगर गाँवों में लाखों तगी पीड़ित हैं जिनकी परिश्रम से प्राप्त पूँजी सरकारी एजेंसीधा और ठगों के पास फंसी है को बार बार
आवेदन करने के पक्षात भी जिला प्रभासन व सक्षम अधिकारी वापस नहीं कर रहे जिस वजह से लाखों परिवारों के समक्ष भूखों मरने की भी स्थिति बन गई है अतः महोदय से अनुरोध है कि शोकतंत्र के मंदिर संसद संसद सरकार र और कानून की गरिमा को बधाने के लिए हमारे क्षेत्र में उपरोक्त कानून केb
का भुगतान 30 अगस्त 2024 तक अवश्य कराएं और दोषी अधिकारियों को दहितकर उनके मन में कानून के प्रति सम्मान करने की भावना पैदा करें ताकि देश में विधि के विरुद्ध काम करने वाले बेईमान अधिकारीयों में कानून का संसद का भय चना रहे
उगी पीडितों का भुगतान, क्षतिपूर्ति और निर्व निर्दोष एजेंट्स को सुरक्षा सम्मान न्याय अविलम्व सुनिक्षित करवाने और दोषी अधिकारियों एवं ठगों के विरुद्ध सख्त कानूनी कारवाई करवाने के लिए ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार, निवेशक और अभिकर्ता दिनांक 1 सितंबर 2004 सुबह दस कने से अपने जिला कलेक्ट्रेट, सबिवालय, तहसील और पुलिस थाना समेत सम्पूर्ण देश में बेईमान सिस्टम के विरुद्ध अहिंसक शांतिपूर्ण अनिक्षितकालीन असहयोग आंदोलन आरम्भ करेंगे और धरना स्थल पर ही मांग पूरी न होने तक दिन रात बैठे रहेंगे।


ओम शंकर गिरी (पप्पू) की रिपोर्ट
” Today MZP News “