मिर्जापुर-विन्ध्याचल महायोजना-2031 को मिली हरी झंडी
- प्राधिकरण के सचिव ने बताया 68 गांवों को मिलाकर होगा विकास, हरित क्षेत्र में निर्माण होगा अमान्य
मिर्जापुर। भारत सरकार की अमृत योजना के जीआइएस आधारित मिर्जापुर-विन्ध्याचल विकास प्राधिकरण महायोजना-2031 को स्वीकृति प्रदान किया गया है। प्रदेश की आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने प्रारूप की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
विन्ध्य विकास प्राधिकरण के सचिव लाल बहादुर सिंह ने महायोजना 2031 के लक्ष्य एवं उद्देश्य के बारे में बताया कि महायोजना में 2031 तक कुल 4,74,825 जनसंख्या विभिन्न विधियों से औसत रूप में आकलित किया गया है।
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- नगर पालिका परिषद नगर के साथ-साथ 68 नगरीकरण योग्य राजस्व ग्रामों को भी सम्मिलित किया गया है।
महायोजना में कुल 19588.20 हेक्टेअर (195.88 वर्ग किलोमीटर) की भूमि का प्रस्ताव किया गया है। जिसमें विभिन्न भू उपयोगों के साथ कुल 6565.58 हे0 क्षेत्रफल प्रस्तावित है।
जैसे आवासीय क्षेत्र 37.96 प्रतिशत, व्यावसायिक क्षेत्र 4.45 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र 7.27 प्रतिशत, सार्वजनिक व अर्द्ध सार्वजनिक सुविधाएं 3.36 प्रतिशत, यातायात व परिवहन 9.63 प्रतिशत, पार्क, खुला क्षेत्र हरित पट्टी 32.27 प्रतिशत जिसमें सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक क्षेत्र 1.01 प्रतिशत समाहित है। राजकीय/अर्द्ध राजकीय कार्यालय 1.69 प्रतिशत तथा अन्य भू उपयोग 3.36 प्रतिशत है।
पूर्व के महायोजना 2011 में औद्योगिक क्षेत्र के कुल क्षेत्रफल 4.27 प्रतिशत को बढ़ाकर 7.27 प्रतिशत महायोजना 2031 में किया गया है।
औद्योगिक पार्कों को प्रोत्साहित करते हुए तथा निजी निवेश को आकर्षित कर विकास के लिए सूक्ष्म लघु एवं मध्यम प्रोत्साहन नीति 2022 भी लागू है। जिससे औद्योगिक विकास और रोजगार की बढ़ोत्तरी होगी। जिसमें आम जन मानस का जीवन स्तर उच्च गति से बढ़ेगा।
महायोजना 2031 में प्रोजेक्टेड जनसंख्या के अनुसार नगर विकास क्षेत्र में जलापूर्ति, वर्षा जल निकासी, सीवेज निस्तारण/ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन, बिजली, शैक्षिक सुविधाओं, स्वास्थ्य सुविधाओं, मनोरंजन सुविधाओं की आवश्यकता, अग्निशमन केन्द्र तथा सामाजिक सुरक्षा के लिए आवश्यक प्रस्तावना किया गया है।
महायोजना-2031 में नगर के सभी मुख्य रोडों को बाजार स्ट्रीट व्यावसायिक किया गया है। जिससे शहर में रोड के किनारे विद्यमान शोरूम कामर्शियल दुकानें, होटल, गेस्ट हाउस इत्यादि जोनिंग रेगुलेशन के अन्तर्गत नियमितीकरण किया जा सकेगा।
महायोजना-2031 में औद्योगिक, लघु उद्योग इत्यादि को महायोजना के विकास क्षेत्र में स्थित ग्राम हनुमान पड़रा , बरौंधा, पहाड़ी, बसहीं में दर्शित किया गया है।
महायोजना-2031 में खुला क्षेत्र ग्रीन क्षेत्र को महायोजना विकास क्षेत्र में स्थित ग्राम बरौंधा, पडरा हनुमान, बसहीं, हरिहरपुर का आंशिक भाग, बरबसपुर का आंशिक भाग, परमानपट्टी का आंशिक भाग, गागों का आंशिक भाग, राजपुर का आंशिक भाग, कंतित का आंशिक भाग, केवटान विन्ध्याचल का आंशिक भाग, मझगवां, चील्ह, मलाधरपुर का गंगा के किनारे का क्षेत्र को दर्शाया गया है ।
जिसमें आवासीय निर्माण इत्यादि अनुमन्य नहीं है। अष्टभुजा पहाड़ी को रक्षित वन क्षेत्र के रूप में घोषित किया गया है। अष्टभुजा पहाड़ी पर हिल टेम्पल कंजर्वेशन एण्ड डेवलपमेन्ट जोन के रूप में दर्शित किया गया है। जिसमें केवल मंदिर के पुर्नविकास और मंदिर हित से सम्बन्धित विकास तथा अन्य कार्य जोनिंग रेगुलेशन्स के अनुसार अनुमन्य होगी।
उन्होने कहा कि महायोजना 2031 जन अपेक्षाओं के अनुरूप होगा। इससे शासन की मंशा के तहत भविष्य में होने वाले नगर के विकास को उचित दिशा एवं मार्ग दर्शन प्रदान करने में अत्यन्त महत्वपूर्ण होगा।
Rajan Gupta
Editor in chief
“Today MZP News“