विन्ध्यवासनी मंदिर पर व्यवस्था बिगाड़ने में लगी पुलिस ।
विशेष सुविधा चाहिए तो वर्दीधारी साथ में होना आवश्यक , प्रोटोकॉल होना आवश्यक नहीं ।
विन्ध्याचल । बासंतिक नवरात्र के विशेष दर्शन को लेकर भारी दुर्व्यवस्था देखने को मिल रही है । व्यवस्था बनाने के लिए तैनात पुलिसकर्मी ही दुर्व्यवस्था के मूल कारण बने । प्रोटोकॉल के अनुसार तो प्रतिदिन दर्जनभर की लिस्ट नहीं होती पर नवरात्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच हजारों अवैध विशिष्ठ बताकर विशिष्ठ प्रवेश स्थल से प्रवेश कराया जा रहा है । मंदिर पर विशिष्ठ सुविधा तभी मिल रही है जब कोई खाकी वर्दी धारी की कृपा हो । मंगलवार को तो हद ही हो गई जब पुलिसकर्मी द्वितीय निकास दरवाजे से कुछ लोगों को प्रवेश कराकर दर्शन कराने लगा । मंदिर पर सारी व्यवस्था तभी तक बनी रहती है जब तक जनपद के आलाधिकारी लोग वहां मौजूद होते है । जैसे ही वे प्रस्थान कर जाते है वैसे ही ज्यादातर पुलिसकर्मी आराम फरमाते हुए मोबाइल से मनोरंजन में व्यस्त दिखाई देने लगते है । विशिष्ठ प्रवेश स्थल से प्रवेश हेतु विशिष्ठ सेल का गठन जिलाप्रशासन द्वारा की गई है जिन्हें पहचान पत्र भी जारी किया गया है । यह निर्देश भी जारी किया गया है कि सेल में नियुक्त राजस्व तथा पुलिस कर्मी एक बार में दस विशिष्ठों को दर्शन के लिए ले जा सकता है पर आलम कुछ यूं है कि मंदिर में कोई भी पुलिसकर्मी अपने रिश्तेदारों , परिचितों को धड़ल्ले के साथ किसी भी वक्त कहीं से भी दर्शन करा रहा है ।इतना ही नहीं मंदिर सुरक्षा में तैनात कुछ पुलिसकर्मी ऐसे है जो विशेष स्थानीय लोगों से निजी स्वार्थ पूर्ण करने की अभिलाषा में उनके सेवादार की तरह काम करते हुए उनके आदेश पर दर्शनार्थियों को विशिष्ठ सुविधा प्रदान करने का कार्य कर रहे है । पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा के कड़े निर्देशों का भी इनपर कोई असर नहीं दिख रहा है ।
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Editing By Manoj Sharma