69000 शिक्षक भर्ती को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले का कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने किया स्वागत
- 69000 शिक्षकों की भर्ती मेरिट रद्द कर नई मेरिट जारी करने का हाई कोर्ट ने दिया है निर्देश
प्रमोद तिवारी ने कहा है कि यह शर्मनाक है कि शिक्षा देने वाले शिक्षकों को ही न्याय नहीं मिला। शिक्षक भर्ती में आरक्षण के नियमों और बेसिक शिक्षा परिषद की नियमावली का पालन नहीं हुआ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ की डिवीजन बेंच ने 69000 शिक्षक भर्ती को रद्द कर दोबारा मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने आरोप लगाया है कि
- जहां पर बीजेपी की सरकारें है वहां पर या तो पेपर लीक हो जाता है या फिर भर्ती में घोटाला हो जाता है
उन्होंने कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ की डिवीजन बेंच के फैसले से यह बात साबित हो गई है। उन्होंने कहा की उम्मीद है कि हाई कोर्ट के फैसले के मुताबिक जल्द से जल्द सरकार आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए संशोधित रिजल्ट जारी करेगी। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले ने योगी सरकार के मंत्रियों के बयान पर भी मुहर लगाई है।
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शिक्षक भर्ती में आरक्षण नियमों की अनदेखी को लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और सहयोगी पार्टी अपना दल एस की नेता अनुप्रिया पटेल ने भी सवाल खड़े किए थे
उन्होंने कहा है कि कांग्रेस भले ही लोकसभा चुनाव में सत्ता में नहीं आई लेकिन जनता ने उसे इतनी ताकत दे दी है कि बीजेपी अब संविधान से छेड़छाड़ नहीं कर सकती है। कांग्रेस संविधान में किसी तरह का संशोधन ना ही लोकसभा और ना ही राज्यसभा में पारित होने देगी।
वहीं वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस के गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन के पास 22 डिब्बे डिरेल होने के मामले पर राज्यसभा में डिप्टी लीडर प्रमोद तिवारी ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से उनके गृह नगर अहमदाबाद जाने वाली ट्रेन भी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा है कि आए दिन रेल हादसे हो रहे हैं।
अब तो यह पूछा जाता है कि किस दिन रेल हादसा नहीं हुआ। उन्होंने देश में हो रहे रेल हादसों को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा मांगा है। प्रमोद तिवारी ने कहा है कि देश में लाल बहादुर शास्त्री जैसे रेल मंत्री हुए हैं। जिन्होंने रेल हादसे पर नैतिकता की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था। लेकिन अश्विनी वैष्णव इतने अनैतिक हो गये हैं कि लगातार रेल हादसों के बाद भी जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने रेल मंत्री को लगातार रेल हादसों के लिए जिम्मेदार बताया है।
उन्होंने कहा है कि पटरियों पर भार बढ़ता जा रहा है और रेल किराया भी बढ़ता जा रहा है। लेकिन रेल यात्रियों की सुरक्षा घटती जा रही है। मानकों का पालन नहीं हो रहा है। राज्यसभा में डिप्टी लीडर प्रमोद तिवारी ने रेल मंत्री का इस्तीफा मांगते हुए कहा है कि अब रेल मंत्री को कोई बहाना नहीं बनना चाहिए। वहीं ट्रेन के इंजन के किसी बड़े पत्थर से टकराने के बाद हुए हादसे को लेकर कहा है कि रेल की पटरियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी रेलवे की ही है।
जबकि पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत के बाद हत्या के मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में डिप्टी लीडर प्रमोद तिवारी ने कहा है कि दुनिया में अगर भगवान ऊपर है तो धरती के भगवान डॉक्टर ही हैं।
उन्होंने कहा है कि डॉक्टरों की सुरक्षा नहीं होगी तो वह आखिर मरीजों की सेवा कैसे कर पाएंगे। उन्होंने कहा है कि डॉक्टरों की मांगों के साथ पूरी कांग्रेस पार्टी खड़ी है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों का न्याय मिलना चाहिए।
ऐसी घटनाएं चाहे पश्चिम बंगाल में हों उत्तराखंड या फिर देश के किसी अन्य राज्य में क्यों ना हों रुकनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां तक पश्चिम बंगाल के मामले की बात है सीबीआई पूरे मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी हो सके फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चला कर दोषियों को कड़ी सजा दिलानी चाहिए।