सोनभद्र। आगनबाड़ी संयुक्त मोर्चा मैं गांधी प्रतिमा के नीचे खड़े होकर जताया विरोध
सोनभद्र। आगनबाड़ी संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में जिलाध्यक्ष प्रतिमा सिंह के नेतृत्व में आंगनवाड़ी व सहायिकाओं द्वारा आईसीडीएस का केक काटकर स्थापना दिवस मनाया गया कलेक्ट्रेट स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना प्रदर्शन किया गया, आंगनवाड़ी, मिनी आंगनबाड़ी, सहायिका संगठन की जिलाध्यक्ष प्रतिमा सिंह ने कहा कि आईसीडीएस का स्थापना हुए 49 वर्ष हो चुके बावजूद हम आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की स्थिति आज भी वही है बहुत समय से आंगनबाड़ियों की लंबित मांगे पूरी करने की बजाय इस बार सरकार ने शिक्षा विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कराई है अधिसूचना के अनुसार 10684 कोलोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में ईसीसीई एजुकेटर रखे जाने के विरोध में प्रदेश की सभी 75 जिलों के संविदा के आधार पर होने वाली भर्ती को तत्काल रोके जाने हेतु दिनांक 29 अगस्त , 30 अगस्त , 2 सितंबर 2024 को जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर सरकार को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौपा गया था और 15 दिनों के अंदर सकारात्मक हल निकालने की उम्मीद जताई गई थी, फिर 19, 20 का लखनऊ इको गार्डन में धरना प्रर्दशन किया गया और 1 अक्टूबर तकजताई गई थी, किंतु अब तक सकारात्मक हल न निकलने के कारण प्रदेश भर की पौने चार लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं/ सहायिका बहनों में काफी आक्रोश बढ़ गया है।
अतः अब संगठन ने मजबूर और विवश होकर बुधवार को ICDS बचाओ, आंगनबाड़ी बचाओ अभियान के रुप में मनाया, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ का धरना प्रदर्शन किया गया।
वहीं जिला महामंत्री ने कहा कि एजुकेटर भर्ती को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए और आंगनबाड़ी कार्यकत्री को ही ईसीसीई एजुकेटर का कार्य सौंपा जाए व अतिरिक्त मानदेय दिया जाए।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए एवं जब तक संभव नहीं है, तब तक आंगनबाडी
कार्यकत्रियों को रु18000 और को ₹9000 मानदेय दिया जाय। वहीं जिला सचिव विभा सिंह ने कहा कि 62 साल के रिटायर पर आंगनबाड़ियों को खाली हाथ घर बैठा
दिया जाता है, इसलिए रिटायरमेंट पर ग्रेजूटी तथा पेंशन की व्यवस्था करें सरकार, एक मुस्त 10 लख रुपए और पेंशन दी जाए। किसी भी विभाग में ऐसा नहीं किया जाता कि कर्मचारियों को काम कराने के बाद खाली हाथ घर बैठाया जाए। वहीं जिला उपाध्यक्ष शशिकिरण ने कहा कि आंगनबाड़ियों की 6 सेवाएं हैं उनमें से एक सेवा है शालापूर्व शिक्षा जिसके लिए सरकार एजुकेटर को 10313 मानदेय देने की बात है कर रही है। इस हिसाब से तो आंगनबाड़ी को भी अब तक 61878 मिलना चाहिए था, एजुकेटर भर्ती के साथ-साथ सरकार हमारी मांगों पर ध्यान दें मांगे निम्न हैं:-
- सरकार एक महीने के अंदर अंदर एजुकेटर भर्ती को रद्द करे।
- आंगनबाड़ियों को राज्यकर्मचारी का दर्जा दे
- मिनी आंगनवाड़ी को सामान्य आंगनवाडी का दर्जा दिया जाए।
- आंगनवाडी के लिए रिटायरमेंट पर ग्रेजुएटी तथा पेंशन की व्यवस्था की जाए।
- बीएलओ तथा अन्य विभाग विभाग के कार्य कराए जाते हैं जिससे की आंगनबाड़ियों का अपना कार्य “पढ़ाई भी पोषण
भी ” सब बाधित हो रहा है।
आंगनबाड़ी संयुक्त मोर्चा उत्तर प्रदेश चेतावनी दे रहा है, कि अगर एक महीने के अंदर सरकार एजुकेटर भर्ती को रद्द नहीं करती है, तो आंगनबाड़ियों को विवश होकर सड़कों पर उतरना पड़ेगा अनिश्चित कालीन धरने पर चली जायेंगी जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगाइस मौके पर उर्मिला देवी प्रियंका पांडे उषा राजश्री जानकी आशा देवी साधना श्रीवास्तव मुन्नी रानी माधुरी शकुंतला शशि अंजू मीणा बिंदा सोनम रेनू सिंह ममता मातेश्वरी कृष्णावती सीमा इंद्रावती साधना विश्वकर्मा आदि मौजूद थी।
सोनभद्र से रवि पाण्डेय की रिपोर्ट
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