सोनभद्र। मांगों को लेकर शिक्षक शिक्षा मित्र संगठन ने बुलंद की आवाज
- 0 जिला मुख्यालय स्थित खंड शिक्षा अधिकारी को सौपा ज्ञापन
सोनभद्र। आदर्श समायोजित शिक्षक शिक्षामित्र वेलफेयर एसोशिएशन सोनभद्र द्वारा सात सूत्रीय मांगों को लेकर रॉबर्ट्सगंज ब्लाक कृपाल राम दुबे के अगुवाई में रामलीला मैदान से जुलूस निकालकर मेन मार्केट से होते हुए मार्केट से होते खण्ड शिक्षा आधिकारी कार्यालय पर सभा के रूप में तब्दील हो गई।
जिसकी अध्यक्षता एसोशिएशन के जिलाध्यक्ष वकील अहमद खान ने किया। शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक संघर्ष समिति के जिला संयोजक रविभुषण सिंह, शिवम अग्रवाल, संतोष कुमारी, योगेश पाण्डेय, धीरेंद्र पति तिवारी,इंदु प्रकाश, कुंजलता त्रिपाठी,राजकुमार मौर्य, अरुण कुमार कुशवाहा, देवेंद्र गंगवार , रवीन्द्र बहादुर सिंह,सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालय में लगभग एक लाख अड़तालीस हजार शिक्षामित्र 23 वर्षों से निरंतर निष्ठा पूर्वक शिक्षण कार्य कर रहे हैं।
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25 जुलाई 2017 के माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के उपरांत शिक्षामित्रों के समक्ष उनके परिवार के भरण पोषण का संकट खड़ा हो गया है। इन्ही परिस्थितियों के चलते लगभग 8000 शिक्षामित्रों की आकस्मिक मृत्यु हो चुकी है।सरकार को अध्यादेश लागू होने तक सामान कार्य सामान वेतन देना चाहिए।
ज़िला महामंत्री सुरेन्द्र त्रिपाठी, सुमन चतुर्वेदी, अभिषेक मिश्रा, अभय मालवीय, कमलेश सिंह, मनोज भारती ने कहा कि शिक्षामित्रों को 10000हज़ार अल्प मानदेय 11माह का मिलता हैं। एक माह शिक्षामित्र भूखा रहता है।
अगर सरकार शिक्षामित्रों को सम्मान जनक वेतन नही देती है तो लखनऊ की धरती पर आने वाले 29तारीख को शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक से पट जाएगा।
इसके जिम्मेदार सरकार की होगी। इस मौके पर, नीलम सिंह, स्वर्ण लता,बिंदु, राधा पाठक, विजय सिंह बड़े लाल यादव, मजहर हुसैन, मन्नू, ने कहा कि लगभग 24 वर्षों से हम निरंतर मूलभूतआवश्यकताओं से जूझ रहे हैं।
सरकार बस बस कमेटी कमेटी खेल कर शिक्षामित्रों को बरगलाने का कार्य कर रही है। अविलंब सरकार हमारी मांगे नही मानती है तो विधान सभा घेरने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
प्रमुख मांग
1-अध्यादेश के माध्यम से शिक्षामित्रों को पुनः सहायक अध्यापक पद पर पदस्थापित किया जाए उक्त प्रक्रिया पूर्ण होने तक समान कार्य का 12 माह का समान वेतन व समान सुविधाएं प्रदान की जाएं।
2-महिला शिक्षामित्रों को उनकी ससुराल के जनपद के विद्यालयों में स्थानांतरण पाने का अवसर प्रदान किया जाए।
3-जिले के अंतर्गत शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालय/निकटतम विद्यालय में वापस होने का अवसर प्रदान किया जाए तथा मृतक शिक्षामित्र के परिवार को यथोचित नौकरी/आर्थिक सहायता प्रदान किया जाए।
4-चिकित्सीय,अवकाश,कैशलेस चिकित्सा की सुविधा/आयुष्मान कार्ड की सुविधा प्रदान की जाए।
5-महिला शिक्षामित्र को सीसीएल की सुविधा प्रदान की जाए।
6-आकस्मिक अवकाश 11 के स्थान पर 14 दिए जाएं और अर्ध आकस्मिक अवकाश की सुविधा प्रदान की जाय।
7-सेवानिवृत्ति की उम्र 62 वर्ष कर बुढ़ापे की गुजारे हेतु पेंशन भत्त्ता दिया जाय।
उक्त के संबंध में हमारा संगठन प्रदेश की लोकप्रिय सरकार से अपेक्षा, आशा ही नही अपितु पूर्ण विश्वास करता है कि उपरोक्त मांगों पर अभिलंब विचार कर हम सबको विभाग की मुख्य धारा मे लाने का कार्य करें।
सोनभद्र से रवि पाण्डेय की रिपोर्ट
” Sonbhadra Today MZP News “