मिर्ज़ापुर की अनोखी परंपरा, यहाँ पुरुष नहीं महिलाएं करती हैं पिंडदान
- पितृ पक्ष में पुरुखो को पिंडदान का महिलाओं द्वारा निभाई जाती हैं अनोखी परंपरा
पितृ पक्ष में पुरुखो को पिंडदान की परंपरा अनादिकाल से चली आ रही है, जिसका निर्वाह पुरुष करते हैं, पर मीरजापुर के विन्ध्य क्षेत्र में मातृ नवमी के दिन महिलाये अपने पितरो को तर्पण करती है
ऐसी मान्यता है कि सीता कुंड पर माता सीता ने वन प्रवास के दौरान तर्पण किया था, तभी से यह परम्परा आज तक चली आ रही है
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धर्मनगरी काशी एवं प्रयाग के मध्य स्थित विन्ध्य क्षेत्र में माता
सीता ने श्राध तर्पण किया था , जिसे सीता कुंड के नाम से जाना है , आज भी माता सीता के पैरो के निशान और विन्ध्य पहाडी से निरंतर निकलता जल आज भी विद्यमान है ,
यहाँ पर तर्पण करने से पितरो की आत्मा को शांति मिलती है | ऐसी मान्यता है कि भगवान राम ने गुरु वशिष्ठ के आदेश पर अपने पिता राजा दशरथ को स्वर्ग प्राप्ति के लिए गया के फाल्गू नदी पर पिंडदान के लिए लिए प्रस्थान किया प्रथम पिंड दान अयोध्या में सरयू तट पर, दूसरा प्रयाग के भरद्वाज आश्रम ,तीसरा विन्ध्य के राम गया घाट पर और चौथा काशी के पिशाचमोचन को पार कर, गया में किया, उसी समय माता सीता ने विंध्य पर्वत पर सीता कुंड का सृजन कर पुरखों का तर्पण मीरजापुर के विन्ध्याचल कि पहाड़ी पर किया |
आज भी उसी परम्परा को जीवित बनाये महिलाएं पित्तरों का तर्पण करती हैं –
मीरजापुर ही नहीं बल्कि बिहार, मध्य प्रदेश और पडोसी राज्यों समेत भारतवर्ष से महिलाएं इस पवित्र स्थान पार आती हैं और पितरों को तर्पण करती हैं. यहाँ के जल से तर्पण करने से पितरों को सीधे तर्पण मिलता है और
उनकी आत्मा को शांति मिलती है.
शास्त्रों में तो पुरुषो को ही पिंड दान का अधिकार दिया गया है परमिर्ज़ापुर के विन्ध्यक्षेत्र में माता सीता ने अपनी शक्ति से कुण्ड का
सृजन कर पिंड दान दिया था तब से लेकर अब तक यहाँ महिलाओ द्वारा मातृ नवमी के दिन पिंड दान किया जाता है सम्पूर्ण भारत में सिर्फ यही एक स्थान है जहां महिलाएं तर्पण करने पहुंचती हैं
बिंदु पर्वत पर अष्टभुजा मंदिर से महज कुछ मीटर की दूरी पर स्थित सीता कुंड पर तर्पण की परंपरा अनादि काल से चली आ रही है | अवशनद पुराण में भी महिलाओं के द्वारा पितरों को उनके आत्मा कि शांति के लिए तर्पण देने का उल्लेख मिलता है | पितरों को तर्पण देकर उनका आर्शीवाद पाने कि चेष्टा से प्रति वर्ष महिलाये यहाँ आती हैं |

Rajan Gupta
Editor in chief
“Today MZP News“

