विन्ध्याचल , मीरजापुर । शारदीय नवरात्र पर प्रकृति के बिगड़े मिजाज़ का साया ।
- जिलाप्रशासन की चिंता में निरंतर वृद्धि ।
विन्ध्याचल , मीरजापुर । तीन अक्टूबर से प्रारंभ हो रहे शारदीय नवरात्र पर प्रकृति की प्रतिकूलता का असर पड़ता दिखाई दे रहा है । धरती पर बाढ़ का प्रभाव अभी पूरी तरह थमा नहीं कि आसमानी आफत बरसात के रूप में मेलाकार्यो में बाधा उत्पन्न करती प्रतीत हो रही है । सबसे अधिक परेशानी गंगाघाटों पर देखी जा रही है जहां बाढ़ के पश्चात गीली मिट्टी एवं कीचड़ को किसी तरह कड़ी मशक्कत के पश्चात साफ करने का प्रयत्न नगरपालिका द्वारा मेला कार्य के तहत किया जा रहा है ।
दो दिनों से मौसम के बिगड़े मिजाज़ ने उक्त कार्य पर लगातार अवरोधक उत्पन्न कर रहा है । नवरात्र के दौरान मेला क्षेत्र में तमाम ऐसी व्यवस्थाएं है जो खुले आसमान के नीचे संपन्न होती है , जैसे दर्जनभर बड़े वाहन स्टैंड , सैकड़ों अस्थाई शौचालय , रैन बसेरा , भंडारा अथवा प्रसाद वितरण स्थल इत्यादि ।
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ऐसे में समस्त व्यवस्थाएं वर्षारोधी पंडालों के नीचे तो संभव नहीं है । बरसात होने के चलते कीड़ों का प्रभाव भी अत्यधिक होता है । साथ ही में प्रदूषण तथा संचारी रोग की संभावना भी काफी प्रबल हो जाती है । यातायात व्यवस्था भी काफी खराब हो जाती है । अस्थाई रूप से सड़कों का जो दुरुस्तीकरण किया गया है बरसात के पानी से फिर बिखर जायेगी ।
विन्ध्याचल में प्रवेश के लिए कुछ रेलवे अंडर पास ऐसे है जो थोड़ी वर्षा के बाद ही आवागमन प्रभावित कर देते है । इन सभी बिंदुओं को लेकर आम जनमानस तो परेशान है ही , साथ साथ लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के लिए उत्तरदाई जिलाप्रशासन की चिंता में निरंतर वृद्धि होती दिखाई दे रही है ।

सुशील कुमार उपाध्याय की रिर्पोट
” Today MZP News “
