चंदौली। नौनिहालों को ज्ञान दे रही किताब सही है या गूगल ?
चंदौली। एक तरफ यूपी की योगी सरकार कान्वेन्ट की तर्ज पर सुदूर इलाकों के पहाड़ी अचंलो मे परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को डीजीटल के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
वहीं दुसरी तरफ शिक्षा के मन्दिर मे गुरुजी डीजीटल ब्लैकबोर्ड पर कुछ और ही ज्ञान नौनिहालों को दे रहै है। इस मामले मे जानकारी होने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जो किताबे हमें मिली है और उसमे जो लिखा है उसी को बच्चो को पढ़ाया जा रहा है।
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दरअसल पुरा मामला चकिया विकास खण्ड के पुर्व माध्यमिक विद्यालय फिरोजपुर का है। जिसमे जाचोपरान्त पहुंचे खण्ड शिक्षा अधिकारी रामटहल व उनके साथ दो एआरपी वेद प्रकाश, बाबुलाल के मौजूदगी मे BEO साहब डीजीटल ब्लैक बोर्ड पर कक्षा पांच के बच्चो को पढ़ा रहे है है कि स्वतंत्र भारत के पहले रेलमंत्री लालबहादुर शास्त्री है। जबकि कक्षा 5 के वाटिका नामक किताब के पृष्ठ सख्या 5 मे सिर्फ शास्त्री जी रेलमंत्री थे ये वर्णन किया गया है।
जब की गुगल पर सर्च करने के पर ये आ रहा है कि 15 अगस्त 1947 से 22 सितंबर 1948 तक जान मथाई भारत के रेल मंत्री थे। ऐसी स्थिति में किसके ऊपर ये बात स्पष्ट नहीं हो पा रही है कि किताब सही है या गूगल।
इस संबंध में जब बेसिक शिक्षाधिकारी प्रकाश सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि जो तथ्य है किताबो में उसी के हिसाब से जानकारी दी जानी चाहिए। बीएसए ने कहा कि इसका निर्धन करने का अधिकार हमे नहीं है। जो किताबे में लिखी है वही सही है।
वही खंड शिक्षाधिकारी चकिया के साथ अपना काम छोड़कर घूम रहे दो एआरपी के बारे में बेसिक शिक्षाधिकारी ने कहा कि अगर खंड शिक्षफ्धिकारी के साथ किसी विशेष कार्य को छोड़कर एआरपी उनके साथ चल रहे है तो ये नियमो का उलंघन है।मैं इस मामले की जांच करूंगा।
चंदौली से धर्मेंद्र कुमार की रिपोर्ट
Chandauli “Today MZP News