मीरजापुर द्वारकाधीश मंदिर में झूलन उत्सव की हुई शुरुआत
- मंदिर के कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं की भीड़ झांकियां के दर्शन करने के लिए उमड़ पड़ी भीड़
- 15 अगस्त की रात्रि से 19 अगस्त तक चलेगा मंदिर में झूलन महोत्सव कार्यक्रम
मीरजापुर। नगर के मध्य बुंदेलखंडी मोहल्ले में स्थित अति प्राचीन द्वारकाधीश मंदिर में आज रात से झूलन उत्सव का शुरुआत हो गया है ।
- इस वर्ष मंदिर में श्री द्वारिकाधीश जी महाराज का 123वा झूलन उत्सव एवं 124वीं वर्षगांठ मनाई मनाया जा रही है ।
सावन महीने में हर तरफ हरियाली होती है और गांव गिरावं में प्राचीन काल से झूला डालकर झूलने की परंपरा चली आ रही है , इस दौरान सावन के गीत भी गए जाते हैं मिर्जापुर में तो सावन के दिनों में झूला झूलने के दौरान कजरी गाने की परंपरा रही है इस कजरी लोक गायन विद्या का जन्म भी मिर्जापुर में हुआ है
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अगर हम बात करें धार्मिक मान्यताओं की तो सावन महीने में झूला झूलने की शुरुआत की, तो ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने राधा रानी को सावन के महीने में सबसे पहले झूला झुलाया था।
तब से यह परंपरा शुरू हुई थी। झूला झूलते समय श्री कृष्ण और राधा रानी को याद करते हुए भजन भी गाए जाते हैं। एक और पौराणिक मान्यता यह भी है कि भगवान भोलेनाथ ने माता पार्वती के लिए झूला डाला था।
द्वारिकाधीश मंदिर में राधा कृष्णा का किया गया श्रृंगार
बाल रूप में भगवान कृष्णा की झांकी
युद्ध भूमि में बाण चलाते अर्जुन की झांकी
राधाकृष्ण झूला झूलते हुऐ की झांकी
द्वारिकाधीश मंदिर में सजी नरसिंग भगवान की झांकी
श्री कृष्णा द्वारा पूतना बध की झांकी
गोवर्धन पर्वत को ऊँगली पर उठाये भगवान श्री कृष्णा की झांकी
तेज पाल जमुना दास मंदिर में छिर सागर में भगवान नारायण माता लक्ष्मी के दर्शन की झांकी
ओम शंकर गिरी (पप्पू) की रिपोर्ट
” Today MZP News “