कछवां। लक्ष्मण शक्ति व राम विलाप का मंचन देख आंखें हुई नम
कछवां। क्षेत्र के बरैनी गांव में चल रहें पांच दिवसीय श्री परमहंस रामलीला के अंतिम दिन रविवार को अंगद रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति का भावपूर्ण मंचन किया गया। रामलीला में ग्राम प्रधान अशोक सिंह ने फीता काट कर रामलीला को प्रारंभ किया तो रामलीला अध्यक्ष राज कुमार उपाध्याय ने यथार्थ गीता व अंग वस्त्र देकर उनका सम्मान किया।
वहीं रामायण के प्रखंड गायक प्रेम शंकर सिंह उर्फ मख्खु सिंह को भी सम्मानित किया गया। रामलीला में श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई करने से पहले समुद्र तट पर अपने आराध्य महादेव के शिवलिंग की स्थापना कर पूजा की।
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इसके बाद, बानरी सेना ने समुद्र पर पुल बनाकर लंका पर चढ़ाई कर दी। राम का शांति दूत बनकर लंका में पहुंचे अंगद ने रावण से संवाद कर युद्ध को टालने का अनुरोध किया लेकिन वह युद्ध करने के लिए अडिग रहा। इसके बाद मेघनाथ और लक्ष्मण के बीच युद्ध हुआ।
लक्ष्मण युद्ध भूमि में मेघनाथ के शक्ति बाण से मूर्छित हो जाते हैं और पूरा रामदल शोकाकुल हो जाता है। लक्ष्मण का मूर्छित शरीर लेकर राम विलाप करते हैं। हनुमान जी सूर्य उदय से पहले संजीवनी बूटी लेकर आ जाते हैं। इसे पीने के बाद मूर्छित लक्ष्मण ठीक हो जाते हैं और युद्ध में इंद्रजीत का वध कर देते हैं।
लक्ष्मण मूर्छित व राम विलाप के दौरान श्रोताओं की आंखे नम हो जाती है। इस दौरान पंडित सुरेंद्र प्रसाद उपाध्याय, रामबाबू सिंह, मिंटू सिंह, ओमप्रकाश उपाध्याय, पंकज राय, अजय सिंह, गोपाली कहार, बंटी सिंह, गौरव, बाबा आदि लोग उपस्थित रहें।
कछवां से शिवम मोदनवाल की रिपोर्ट
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