काशी विद्यापीठ : तुलसीदास की पुण्यतिथि पर हिन्दी विभाग में हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी
वाराणसी। हिन्दी और अन्य भारतीय भाषा विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में तुलसीदास की पुण्यतिथि पर बुधवार को ‘तुलसीदास और उनकी समन्वय-दृष्टि’ विषयक एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
प्रो. अनुकूल चन्द राय ने कहा कि तुलसीदास तत्कालीन समाज के समस्त अंतर्विरोधों को समझते हैं और उनमें विवाद की जगह संवाद की गुंजाईश तैयार करते हैं।
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प्रो. रामाश्रय सिंह ने कहा कि बड़ा कवि वह होता है जिसका व्यक्तित्व और लेखन दोनों बड़ा होता है। तुलसीदास के पास समन्वय करने वाला विराट हृदय था। अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए प्रो. राजमुनि ने कहा कि तुलसीदास भारतीय समाज में लोकमंगल की विधायक चेतना के कवि रहे हैं।
उनके संदेश कालजयी हैं। संगोष्ठी में शोधार्थी आकाश कुमार सिंह, रागिनी चतुर्वेदी, सीता सुंदर सिंह और एमए के विद्यार्थी आशीष मिश्रा ने भी अपने आलेख प्रस्तुत किये। संचालन डॉ. सुरेन्द्र प्रताप सिंह व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. विजय कुमार रंजन ने किया।