समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभागके शिक्षकों का आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा
- शिक्षक काली पट्टी बांध कर कर रहे है विरोध
- निदेशक की सशर्त संविदा नवीनीकरण से नाराजगी बढ़ी
- संयुक्त परिषद ने संविदा नवीनीकरण में शर्त लगाने का किया विरोध
लखनऊ प्रदेश के समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग के सभी राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों के संविदा शिक्षकों ने आज दूसरे दिन भी अपना आंदोलन जारी रखते हुए काली पट्टी बांधकर विरोध जारी रखा है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने लखनऊ में एक प्रेस विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि आज 80 से अधिक विद्यालयों में शिक्षकों ने काली पट्टीबांधकर अपना कार्य किया एवं विरोध प्रकट किया। शिक्षकों में विभाग के प्रति आक्रोश भरा हुआ है। शिक्षकों के आंदोलन का विभाग पर असर दिखा। निदेशक समाज कल्याण ने कल देर शाम सभी संविदा शिक्षकों का सशर्त नवीनीकरण के आदेश निर्गत किए। निदेशक ने अपने निर्देश में शैक्षिक सत्र 2024- 2025 में सभी संविदा शिक्षकों का नवीनीकरण करते हुए शैक्षिक सत्र 2025- 2026 में 50% परीक्षा परिणाम पर संविदा रोकने की शर्त पर नवीनीकरण निर्गत करने का निर्णय लिया है। संविदा शिक्षक सशर्त नवीनीकरण का विरोध कर रहे है। संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी निदेशक के निदेशक के सशक्त नवीनीकरण निर्देश का विरोध करते हुए उन्हें पत्र लिखकर अवगत कराया है कि नियमित एवं संविदा शिक्षकों के शिक्षण कार्य में भेद भाव बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए अवगत कराया है कि एटीएस पैढत फिरोजाबाद के केमिस्ट्री के प्रवक्ता का परीक्षा परिणाम o% है, जबकि एटीएस नारायणपुर प्रतापगढ़ के प्रभारी प्रधानाचार्य
लाल प्रताप चौरसिया केमिस्ट्री के प्रवक्ता हैं उनके विषय में 9 में से सिर्फ एक छात्र पास हुआ है। जे एन तिवारी ने नियमित एवं संविदा शिक्षकों के साथ भेदभाव का कड़ा विरोध करते हुए निदेशक को अवगत कराया है कि सभी आश्रम पद्धति विद्यालयों में बेसिक सुविधा मुहैया कराया जाय। परीक्षा परिणाम स्वतः ही अच्छा आएगा बिना बेसिक सुविधाओं के आश्रम पद्धति विद्यालयों के शिक्षक पढ़ा रहे हैं ऐसी स्थिति परीक्षा परिणाम को प्रतिशत के दायरे में नहीं बांधा जा सकता है।राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने निदेशक को अवगत कराया है कि 27 अगस्त से पहले संविदा शिक्षकों की सभी मांगों पर निर्णय कर दें अन्यथा 27 अगस्त से धरना प्रदर्शन के बाद आंदोलन तेज होगा। चार शिक्षकों को पिछले 4 साल से संविदा से बाहर किया गया, उनको वापस नहीं लिया जा रहा है। संविदा से बाहर किए गए शिक्षक 27 अगस्त से निदेशालय पर अनशन करेंगे। कुछ जनपदों के जिला समाज कल्याण अधिकारी एवं प्रधानाचार्य द्वारा शिक्षकों के साथ जोर जबरदस्ती का मामला प्रकाश में आया है। संयुक्त परिषद ने कहा है कि जहां कहीं जोर जबरदस्ती होगी वहां तुरंत धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया जाएगा।
निदेशालय के एटीएस सेल से संबद्ध शिक्षक को हटाए जाने की मांग भी शिक्षकों ने दोहराई है। जे एन तिवारी ने बताया कि विशंभर पुर गोंडा ,सरधुवा चित्रकूट चकिया चंदौली, सातों महुआ, भरसावा, रैन बछरावां सलोंन, हेतिमपुर ,गौरी बाजार, दुनारा झांसी, सहारनपुर, मैनपुरी, इटावा ,प्रयागराज, मिर्जापुर, सिरसिया श्रावस्ती धनगढ़िया सिद्धार्थ नगर भानु बस्ती,सोनभद्र, घोरावल, लखीमपुर, श्रावस्ती, बलरामपुर, रायबरेली, कानपुर इटावा, , मेरठ, चित्रकूट, देवरिया, गोरखपुर, बस्ती, सहित प्रदेश के 80 से भी अधिक आश्रम पद्धति के विद्यालयों के शिक्षकों ने काली पट्टीबांधकर विरोध प्रकट किया है।
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ओम शंकर गिरी (पप्पू) की रिपोर्ट
” Today MZP News “