प्रयागराज। ब्वॉयज़ हाई स्कूल के प्रधानाचार्य डेविड ल्यूक द्वारा 34.5 करोड़ का गबन
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की जांच EOW को सौपी
प्रयागराज। ब्वॉयज़ हाई स्कूल के कार्यवाहक प्रधानाचार्य डेविड ल्यूक द्वारा स्वय एवं अपनी पत्नी क्रिस्टेबल ल्यूक तथा बेटा रोबिन ल्यूक के नाम से 34.5 करोड़ रुपये गबन करने के मामले में डायोसिस ऑफ़ लखनऊ के बिशप मोरिस एडगर दान द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को दिए गये
प्रत्यावेदन को गंभीरता से लेते हुए विशेष सचिव मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृह विभाग ने पुलिस महानिदेशक आर्थिक अपराध संगठन को निर्देशित किया है कि प्रश्नगत प्रकरण की जांच तीन माह में पूर्ण कराकर जांच आख्या शासन को उपलब्ध कराये जाने का कष्ट करें।
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बिशप मोरिस एडगर दान ने यह आरोप लगाया की डेविड ल्यूक सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त थे जिनको तत्कालीन प्रधानाचार्य सीवी इनिस ने 1 जुलाई 2010 को बर्खास्त कर दिया था तथा बिशप मोरिस दान के चेयरमैन बनने पर डेविड ल्यूक को दिनांक 12 अगस्त 2010 को कार्यवाहक प्रधानाचार्य बनाया गया था
इनकी नियुक्ति पत्र पर स्पष्ट रूप से लिखा गया है की सहायक अध्यापक के वेतनमान के अलावा भत्ता के रूप में 50,000/- रुपये मिलेगा। 16 अप्रैल 2012 को ब्वॉयज़ हाई स्कूल के प्रधानाचार्य पद का विज्ञापन निकाला गया जिसमे डेविड ल्यूक समेत कई अभ्यर्थियों ने आवेदन किया और साक्षात्कार दिया लेकिन साक्षात्कार में कोई भी योग्य अभ्यार्थी नहीं पाए जाने पर किसी की भी नियुक्ति नहीं हो सकी, डेविड ल्यूक हाई स्कूल में बढ़ई (काष्ठ कला) विषय लिए थे जिस कारण वह अर्ह नहीं थे।
बिशप दान ने बताया कि 17 अप्रैल 2012 को डेविड ल्यूक को प्रधानाचार्य पद पर नई नियुक्ति होने तक कार्यवाहक प्रधानाचार्य पद पर पूर्व में तय वेतनमान एवं शर्तो पर कार्य करने हेतु अधिकृत किया था।
लेकिन डेविड ल्यूक ने कूटरचना एवं जालसाज़ी से प्रपत्रों को तैयार करके स्वतः एवं अपनी पत्नी क्रिस्टेबल ल्यूक तथा बेटे रॉबिन ल्यूक के नाम से नियम विरुद्ध तरीके से वेतन लेने लगे तथा अपनी पत्नी को भी नियुक्ति पत्र के विपरीत जाकर लाखों रुपये वेतन का भुगतान करने लगे।
जिसमे विद्यालय का लेखाकार डिकैस भी शामिल है। डेविड ल्यूक स्वतः एवं अपने परिजनों के नाम से वेतन के अलावा 4.7 करोड़ रुपये निकालकर गबन कर लिया इतना ही नहीं डेविड ल्यूक ने अपने सहयोगियों के नाम से कई कंस्ट्रक्शन कम्पनिया बनवाई और कूटरचना तथा जालसाज़ी के द्वारा विद्यालय भवन निर्माण के नाम पर अब तक लगभग 30 करोड़ रुपये निकाल कर गबन कर दिया है।
आश्चर्य यह है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण से निर्माण का कोई नक्शा स्वीकृत हुआ ही नहीं है। निर्माण कार्य सिर्फ हवा में हुए और रुपये निकालकर बंदरबाँट कर लिए गये।
डेविड ल्यूक की शैक्षणिक योग्यता बीएड पर लगा प्रश्न चिन्ह भी प्रमाणित हुआ कि जिस विश्वविद्यालय से उन्होंने बीएड की डिग्री लिया है उक्त डिग्री उत्तर प्रदेश में मान्य ही नहीं है।
बिशप दान ने बताया की मेरे द्वारा दी गयी शिकायत का माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने निजी तौर पर गंभीरता से लिया है और शासन के अधिकारियों को प्रथम दृष्टयता जांच हेतु आदेश दिया जिस पर शासन ने सम्यक विचारोपरांत प्रश्नगत प्रकरण की जांच इओडब्लू (आर्थिक अपराध शाखा) से कराये जाने का निर्णय लिया।
उक्त जांच हेतु श्री सुखदेव सिंह को जांच अधिकारी नामित किया गया है। पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध संगठन उo प्रo लाल साहब यादव ने डेविड ल्यूक को पत्र लिखकर जांच में सहयोग करने हेतु विद्यालय द्वारा नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया है।
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प्रयागराज से विमल श्रीवास्तव की रिपोर्ट
“Prayagraj Today MZP News “