विंध्याचल में सप्त सागर तालाब के बीच में स्थित अति प्राचीन गणेश भगवान मंदिर का वार्षिक श्रृंगार
मान्यता है कि सप्त ऋषि तपस्या करने आए थे तो यहां 7 तालाब बनाया और तलब के बीच गणेश जी की मूर्ति को स्थापित किए
मीरजापुर विंध्याचल क्षेत्र के महुआरी कलां गांव में स्थित अति प्राचीन गणेश भगवान गणेश के मंदिर का वार्षिक श्रृंगार किया गया आसपास के क्षेत्र से काफी संख्या में भक्तगण भगवान गणपति के दर्शन पूजन और उनका आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं ऐसी मान्यता है कि तपस्या के लिए सप्त ऋषि विंध्य पर्वत पर पहुंचे थे तो उन्होंने यहीं पर तपस्या के दौरान 7 तालाब का निर्माण किया और उन्हें तालाब के बीच भगवान गणपति की मूर्ति की स्थापना की ।
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इस अति प्राचीन मंदिर में स्थापित मूर्ति की यदि वर्ष में कोई व्यक्ति एक बार भी दर्शन पूजन कर ले तो उसे पूरे वर्ष भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती रहती है मंदिर के पुजारी तेजा गिरी ने बताया।
सभी देवी देवताओं के पूजन में सबसे पहले भगवान गणपति की आराधना की जाती है क्योंकि भगवान भोलेनाथ ने माता पार्वती के कहने पर उन्हें यह आशीर्वाद दिया हुआ था।
क्या आप में से कोई व्यक्ति कभी इस मंदिर में दर्शन पूजन करने गया है अगर गए हैं तो कमेंट में अवश्य बताएं और नहीं गए हैं तो जाकर दर्शन पूजन करें 7 तालाब के बीच स्थित इस मंदिर में भगवान गणपति के दर्शन से मन को असीम शांति और दिमाग को शक्ति प्राप्त होती है
मनीष रावत की रिपोर्ट