तीसरी आंख : अथ श्री तिकड़म कथा
◆रावण वाला कुंभकर्ण 6 माह सोता था और आज उसकी कुंडलीवाले लगातार 4 साल से सो रहे थे।
◆गनीमत यह कि एक वेव सीरीज वाले ने ‘उठो कलियुगी कुंभकर्णों’ वाक्य कान में कहा तो कई हुबहू कुंडलीधारक जागे दिख रहे हैं।
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◆हाथ में सीरीज वाले के खिलाफ़ टाइप किया पत्रक लेकर घूम रहे हैं जबकि पर्दे के पीछे सीरीज की पॉपुलरटी के लिए वितण्डा खड़ा कर रहे हैं।
◆दर असल कुंडली के पहले घर में सबकी चोरी और तिकड़म पकड़ने वाला ‘शनि’ ग्रह जब डेरा डाल देता है तो सिर्फ राशन-पानी डकारने और सोने का मन करता है।
★ लगभग 4 साल बाद मां विन्ध्यवासिनी के धाम के जिले की इज्जत-आबरु से बेचैन आत्माएं ‘सीरीज रोको’ का जाप करते देखे जा रहे। जबकि ये कई बार यहां की इज्जत को सरे-आम नीलाम कर चुका है।
★इस जाप का मूल उद्देश्य ‘सीरीज जरूर देखो’ का ही प्रकट हो रहा है।
★इससे सीरीज वाले की ऑनलाइन लोकप्रियता बढ़ेगी। गूगल पर तगड़े विज्ञापन मिलने लगेंगे और करोड़ों का व्यापार होगा।
★’सीरीज रोको’ नाटक का यह पहला एपिसोड है ज्ञापन और पत्रक।
★अगले चरण में ‘धरना- प्रदर्शन’ भी हो सकता है।
★इसके बाद अत्यंत लचर आदेश पर ‘सीरीज़ रोको’ के आदेश जारी होने की भी संभावना है।
★फिर सीरीज को पॉपुलर बनाने के लिए ‘नम्बर-2’ के ढेरों कुंभकर्ण जाग सकते हैं।
★जो खबरदार, जिसने रोकने की हिमायत की, उसे जिस नरक पर उसका खानदान है, वहां भेज देगा। यह चिघ्घाड़ करेगा।
★फिर लचर आदेश पर कोर्ट भी जाने का मौका मिल जाएगा।
★तब तक अभी इंडिया की टीवी का एक मालिक इसे पॉपुलर करने में लगा है, फिर TRP के चक्कर में ढेरों चैनल कूद पड़ेंगे।
★अंत में लचर और प्रायोजित विरोध को दान-दक्षिणा देकर सीरीज वाला पूजा-पाठ करेगा अपनी नकारात्मक कामनाओं की पूर्ति के लिए।
★ऐसे सीरीज़ वालों से यदि कोई कहे है कि जरा पड़ोस के वाराणसी या प्रयागराज की दादागिरी एवं माफियागिरी पर सीरीज बनाओ तो वह जूता-चप्पल बिना पहने भाग जाएगा।
★चूंकि मिर्जापुर में जितने सरल एवं सौम्य लोग हैं, उतना अन्यत्र कम मिलेंगे।
★हालांकि नकारात्मक धन कमाने वाले यहां की सरलता को बुद्धू की श्रेणी का ही मानते हैं।
सलिल पांडेय, मिर्जापुर।