पुर्ण रूप से अंधेरा होने से बारिश के मौसम में मां के भक्तों से लेकर स्थानीय को गवानी पड़ सकती है अपनी जान,सांप , विच्छूं , जंगली जानवरों से
- मां के भक्तों का त्रिकोण के माध्यम से तीनों देवियों के दर्शन से पूर्ण होती है मनोकामना
मीरजापुर जिला प्रशासन की लापरवाही से हो सकता खतरा विंध्य पर्वत त्रिकोण मार्ग पर अन्धेरा मां के भक्तों को खतरा जंगली जानवरों से
- विध्य पवर्त के अन्य त्रिकोण मार्ग में निजीं मन्दिरों में प्रकास की व्यवस्था
मीरजापुर विंध्याचल : नवरात्र में तो संख्या लाखों में पहुंच जाती है. यहां पहाड़ पर बसी तीन देवियां मां विंध्यवासिनी, मां काली और मां अष्टभुजा तीनों देवियों का दर्शन त्रिकोण के माध्यम से होता है।
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- श्रद्धालु सीता कुंड के पानी का भी सेवन करके जाते है विंध्य पर्वत पर हमेशा दूर-दूर से पर्यटक आते हैं ।
लेकिन जनपद मीरजापुर के अलग अलग सरकारी विभाग केवल मां के भक्तों के साथ वसूली तो करते है वाहन पार्किंग व अन्य लेकिन सुविधा के नाम हवा हवाई मिलता है
वहीं बारिश का मौसम आ चूका है विंध्य पर्वत पर हरियाली देखने को मिल रही है झाड़ियां घनी हों गई है उन झाड़ियों में छुपे जंगली जानवरों को कोई नहीं देख सकता है क्योंकि पुरा त्रिकोण मार्ग अंधेरे में कायम है गिने चुने निजी स्थान पर केवल प्रकाश की व्यवस्था देखी जा सकती है लेकिन मां के भक्तों के हित में एवं अन्य स्थानीय जो विंध्य पर्वत पर वास करते हैं उनके हित में रोड पर लगे हुए हाइमास्ट व अन्य बल्ब पूरी तरह बंद पड़े हुए हैं पिछले कई महीनो से , मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ महाराज का फरमान भी सावन माह में कावड़ यात्रियों पर पुस्प वर्षा के लिए
लेकिन जिला प्रशासन मीरजापुर के द्वारा मां के भक्तों के हित में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं काली खोह, मार्ग गिने चुने स्थान पर प्रकाश केवल , बद से बत्तर हालत तो अष्टभुजा पहाड़ी त्रिकोण मार्ग की है जहां कोई प्रकाश की व्यवस्था नहीं गेरुआ तालाब से लेकर मोतिया तालाब, मोतिया तालाब से लेकर सीताकुंड , वहीं सीता कुंड मंदिर के उपर लगें हाईमास्ट , लाइट नहीं जलती घोर अंधेरा छाया हुआ है। लोगों को बारिश के मौसम में जंगली जानवरों से भय व्याप्त हैं
विन्ध्याचल से सूरज कुमार की रिपोर्ट
” Vindhyachal Today MZP News “