जानिए कड़वी नीम के मीठे गुण और धार्मिक महत्व
- कड़वी नीम है औषधीय गुणों की खान, जीवन में धार्मिक महत्व भी है
हमारे देश में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो नीम के पेड़ के बारे में नहीं जानता होगा नीम पर्यावरण के लिए जितना अच्छा है उतना आदमी के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है हमारे देश में सदियों से नीम का उपयोग औषधीय रूप में घरेलू उपचार के तौर पर होता चला आया है ।
सामान्य रूप से नीम का उपयोग चर्म रोग या घाव को ठीक करने के लिए करते हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि यह अन्य कई रोगों में भी लोगों को बहुत लाभ पहुंचता है ।
नीम में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीबायल और एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं । अपने इन्हीं गुणों के चलते नीम निम्न रोगों में चमत्कारी लाभ प्रदान करता है …
- 1- सांस संबंधी समस्याओं को दूर करता है
- 2- डायबिटीज के मरीजों को लाभ मिलता है
- 3- मलेरिया के मरीज लाभान्वित होते हैं
- 4- रेशैस और घाव में तुरंत आराम देता है
- 5- बालों के रोग में भी यह लाभप्रद है
- 6- इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है
- 7- मुहासे की समस्या दूर करता है
- 8- मुंह में बदबू या मसूड़े में सूजन हो तो उसमें भी लाभ पहुंचता है
- विशेषज्ञों का मानना है कि प्रतिदिन व्यक्ति को 5 से 6 नीम की पत्ती खानी चाहिए जिससे उन्हें कई रोगों में लाभ मिलेगा
धार्मिक मान्यताएं
- नीम के औषधीय गुण तो है ही साथ ही नीम के पेड़ की धार्मिक मान्यता भी है
कहते हैं कि देवराज इंद्र ने जब धरती पर अमृत छिड़का तो इससे नीम के पेड़ का जन्म हुआ और इसमें चमत्कारी गुण आ गए। दूसरी मान्यता है कि इसमें शीतला मां का निवास है।
हमारे देश में सदियों से आयुर्वेद में नीम का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता रहा है नीम के पेड़ के तने से लेकर दातुन , पत्ती और इससे निकलने वाला फल भी मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी होते हैं ।
अगर तेज धूप वाली गर्मी में आप नीम के पेड़ के नीचे खड़े हो जाते हैं तो आपको काफी शीतलता भी यह प्रदान करती है । नीम के इन्हीं गुणों के चलते इन्हें धार्मिक मान्यता भी प्राप्त है ।
Rajan Gupta
Editor in chief
“Today MZP News“